इस बार मानसून रहेगा “साधारण से अच्छा” – किसानों के लिए खुशखबरी! (Skymet Weather की पहली आधिकारिक भविष्यवाणी)

2025 के खरीफ मौसम की शुरुआत एक अच्छी खबर के साथ हुई है! Skymet नामक निजी मौसम एजेंसी ने कहा है कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य से थोड़ा बेहतर रहने वाला है – यानी 103% बारिश होने की उम्मीद है, जो कि हमारे देश के खेती-किसानी के लिए बहुत शुभ संकेत है।

📊क्या है “सामान्य मानसून”?

हर साल जून से सितंबर तक औसतन 868.6 मिमी बारिश होती है। इसे ही “Long Period Average (LPA)” कहते हैं।
अगर बारिश 96% से 104% के बीच होती है तो इसे “सामान्य मानसून” माना जाता है।इस साल Skymet का कहना है कि बारिश 103% के करीब हो सकती है – यानी बिलकुल बढ़िया!

🌐 मौसम पर असर डालने वाले फैक्टर क्या कह रहे हैं?

El Niño गायब हो चुका है – जो आमतौर पर बारिश को बिगाड़ता है।
ENSO (El Niño Southern Oscillation) इस बार “न्यूट्रल” रहेगा – मतलब मौसम संतुलित रहेगा।
Indian Ocean Dipole (IOD) भी धीरे-धीरे सकारात्मक होने जा रहा है – जिससे और अच्छी बारिश की संभावना बढ़ती है।

“🔍 Skymet के MD जतिन सिंह कहते हैं:

“जब ENSO न्यूट्रल और IOD पॉजिटिव होता है, तब सामान्य से बेहतर मानसून आने की संभावना ज़्यादा होती है। इस बार भी दूसरा हिस्सा, यानी अगस्त-सितंबर, ज्यादा अच्छा रहेगा।”

किस इलाके में कैसी बारिश रहेगी?

✅ पश्चिम और दक्षिण भारत में अच्छी बारिश के आसार।
✅ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश – जहां सिंचाई कम है – वहां भी बारिश ठीक-ठाक होगी।
✅ केरल, कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक – यहाँ बारिश सामान्य से ज्यादा होने की उम्मीद।

❌ लेकिन पूर्वोत्तर भारत और उत्तर भारत के पहाड़ी इलाके – जैसे उत्तराखंड, हिमाचल – में कुछ कमी हो सकती है।

🗓️ महीनेवार मानसून कैसा रहेगा?

महीना अनुमानित बारिश (% में LPA से) सामान्य होने की संभावना
जून 96% 50%
जुलाई 102% 60%
अगस्त 108% 40%
सितंबर 104% 60%

🔔 जुलाई और अगस्त सबसे महत्वपूर्ण महीने होते हैं खरीफ की फसलों के लिए। इस बार अगस्त में सबसे अच्छी बारिश के संकेत हैं।

📈 कुल मानसून की संभावनाएं (संभाव्यता के अनुसार):

🌧️ सामान्य बारिश – 40%
🌧️ सामान्य से ज्यादा – 30%
🌧️ बहुत ज्यादा (excess) – 10%
🌦️ सामान्य से कम – 15%
🌵 सूखा (drought) – सिर्फ 5% संभावना

🌾 किसानों के लिए सुझाव:

1.समय पर बीज और खाद का स्टॉक रखें।
2.सिंचाई वाले खेतों में भी पानी का सही उपयोग करें।
3.बारिश के दूसरे हिस्से (अगस्त-सितंबर) में अच्छी उपज की योजना बनाएं।
4.पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के किसान कम पानी वाली फसलों की ओर ध्यान दें।

Indian man in traditional clothing sitting in a field, waiting for the rains in monsoon 2025