“अश्विनी” चना: अब चने में आएगा जबरदस्त दम ! 24.8% प्रोटीन और बीमारियों से सुरक्षा भी



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नई चने की किस्म पूसा चना-4037 (अश्विनी) देगी ज्यादा उपज, ज्यादा प्रोटीन और रोगों से बेहतर सुरक्षा — छोटे किसानों के लिए वरदान

विस्तार से आसान भाषा में:

2025 में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने एक नई चने की किस्म विकसित की है — पूसा चना-4037 (अश्विनी), जिसे अब भारत सरकार की CVRC समिति ने मंजूरी दे दी है।

इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत है:

24.8% तक प्रोटीन – सेहत के लिए फायदेमंद
2673–3646 किग्रा/हेक्टेयर तक उपज – यानी ज्यादा आमदनी
फ्यूजेरियम विल्ट, ड्राई रूट रॉट, कॉलर रॉट, और स्टंट रोग के प्रति अच्छी प्रतिरोधक क्षमता
मशीन से कटाई योग्य – आधुनिक खेती के लिए परफेक्ट

यह किस्म कहां के किसानों के लिए उपयुक्त है?

पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के किसान इस किस्म को अपने खेत में आज़मा सकते हैं।

इस किस्म का नाम “अश्विनी” क्यों रखा गया?

यह किस्म डॉ. नुनावथ अश्विनी, एक युवा महिला कृषि वैज्ञानिक के नाम पर रखी गई है, जिनका 2024 में बाढ़ के दौरान निधन हो गया था। उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए IARI ने इस किस्म का नाम पूसा चना-4037 (अश्विनी) रखा।

यह किस्म क्यों है खास?

अधिक उत्पादन
पोषण से भरपूर
रोगों से सुरक्षित
मशीनीकरण के अनुकूल

किसान भाइयों के लिए सुझाव:

अगर आप कम लागत में अच्छी उपज और बीमारियों से सुरक्षा चाहते हैं, तो पूसा चना-4037 (अश्विनी) एक शानदार विकल्प है। यह किस्म नई तकनीक और बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।

क्या आप इस किस्म के बीज, तकनीक या खेत पर ट्रायल की जानकारी चाहते हैं?

तो अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या IARI से संपर्क करें।

bowl of white beans garnished with a parsley leaf, highlighting Ashwini Chickpeas' 24.8% protein and disease resistance.