बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने राज्य में मछली पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “मत्स्य प्रजाति का विविधिकरण योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसान और इच्छुक लाभार्थी मछली पालन के विभिन्न घटकों जैसे हैचरी और पालन इकाइयों की स्थापना पर 60 प्रतिशत तक की सरकारी सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देशी मछलियों की प्रजातियों जैसे माइनर कॉर्प, कैट फिश और वायु-श्वासी मछलियों के संवर्धन और संरक्षण के साथ-साथ उनकी व्यावसायिक उत्पादकता को बढ़ाना है। इसके माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
योजना के अंतर्गत मछली पालन की विभिन्न इकाइयों के लिए निर्धारित लागत और उस पर मिलने वाली अनुदान राशि स्पष्ट की गई है। उदाहरणस्वरूप, माइनर कॉर्प हैचरी की स्थापना पर प्रति इकाई ₹13.12 लाख, कैट फिश हैचरी पर ₹15.37 लाख, माइनर कॉर्प पालन योजना पर ₹94,000 तथा कैट फिश एवं अन्य मछलियों की पालन योजना पर ₹1.35 लाख की लागत अनुमानित की गई है। इन सभी योजनाओं पर लाभार्थी को 60% सब्सिडी दी जाएगी।
लाभार्थियों का चयन ऑनलाइन आवेदन के आधार पर किया जाएगा। आवेदक को आवेदन के साथ पासपोर्ट साइज फोटो (स्व-प्रमाणित), आधार कार्ड, भूमि संबंधी दस्तावेज, अंशदान की स्वीकृति (यदि लागत से अधिक राशि वहन करनी है) जैसे आवश्यक कागजात जमा करने होंगे। यदि लाभार्थी लीज पर भूमि का उपयोग करना चाहता है तो उसके लिए न्यूनतम 9 वर्षों का पंजीकृत अनुबंध ₹1000 के गैर-न्यायिक स्टाम्प पर आवश्यक होगा। इसके साथ भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या अद्यतन मालगुजारी रसीद (कम से कम एक वर्ष पुरानी) भी अनिवार्य होगी।
इस योजना में केवल एक घटक हैचरी या पालन मात्स्यिकी पर ही सब्सिडी दी जाएगी। एक व्यक्ति या परिवार अधिकतम 1 एकड़ (2 इकाई) और न्यूनतम 0.25 एकड़ जलक्षेत्र के लिए पात्र होगा।
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक लाभार्थी बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://state.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी और दिशा-निर्देशों के लिए विभागीय पोर्टल https://state.bihar gov.in/ahd/Citizen Home.html पर भी देखा जा सकता है।
मछली पालन के माध्यम से आय बढ़ाने का यह एक सुनहरा अवसर है, जिसे बिहार सरकार किसानों के जीवन में बदलाव लाने हेतु लेकर आई है। किसान इस योजना का लाभ उठाकर परंपरागत खेती के साथ अतिरिक्त आय का सशक्त माध्यम बना सकते हैं।
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